जिंदगी में इंसान उस वक्त बहुत टूट जाता है, इसीलिए शायद सच्चाई का रास्ता लम्बा होता है। मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें वक्त से उधार माँगी किस्तें चुका रहा हूँ, आख़िर चांद भी अकेला रहता हैं सितारों के बीच। आंखों से दूर हूँ, मोबाइल से नहीं, कभी https://youtu.be/Lug0ffByUck