श्रुति रामकथा, मुख रामको नामु, हिएँ पुनि रामहिको थलु है ॥ व्याख्या – भजन अथवा सेवा का परम फल है हरिभक्ति की प्राप्ति। यदि भक्त को पुनः जन्म लेना पड़ा तो अवध आदि तीर्थों में जन्म लेकर प्रभु का परम भक्त बन जाता है। About UsMission Statement Our deepest want https://dallaswflqy.illawiki.com/853127/everything_about_hanuman_chalisa_telugu