तुम तो बस उसी शख्स को डरा सकते हो जो नसीहत माने और बेदेखे भाले खुदा का ख़ौफ़ रखे तो तुम उसको (गुनाहों की) माफी और एक बाइज्ज़त (व आबरू) अज्र की खुशख़बरी दे दो ये वही जहन्नुम है जिसका तुमसे वायदा किया गया था And when it is claimed https://hilairev581ksz4.csublogs.com/profile